लाशें
सब लाशें हैं
सब लाशें हैं
जिंदा कोई नही
सब लाशें हैं
चलती हैं
बोलती हैं
हस्ती कभी
कभी फूंट फूंट के रोती हैं
लाशें
सब लाशें हैं
गिरता है तोह कोई उठता नही
मरने पर मातम में भी कोई आता नही
जीते साथ हैं
मगर हैं कितने अकेले
लाशें
सब लाशें हैं
धड़कनें मशीन है
जस्बात मशीन है
इनकी सीरत भी इन्ही जैसी
बस शक्लें हसीन है
लाशें
सब लाशें हैं
इक पल का ख्वाब है
जो जाता नही
कितना भी बुलाओ
वोह कल आता नही
जिंदा रहने की होड़ में रोज़ मरते
लाशें
सब लाशें हैं
जिंदा कोई नही
सब लाशें हैं...
- Piy
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1 comments:
Interesting and depressing.
I like these lines:
इक पल का ख्वाब है
जो जाता नही
कितना भी बुलाओ
वोह कल आता नही
Payal
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